श्रुतपंचमी पर्व
श्रुति पंचमी जैन धर्म का प्रमुख त्यौहार है। जैन धर्म के अनुसार इस दिन पहली बार जैन धर्म के ग्रंथ को पढ़ा गया था। मान्यतानुसार पुष्पदंत जी महाराज एवं मुनि श्री भूतबली जी महाराज करीब 2000 वर्ष पूर्व गुजरात के गिरनार पर्वत की गुफाओं में ज्येष्ठ शुक्ल पंचमी के दिन ही जैन धर्म के प्रथम ग्रन्थ "श्री षटखंडागम" की रचना पूर्ण किया था। इसी कारण ज्येष्ठ शुक्ल के पांचवें दिन श्रुति पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है।
श्रुति पंचमी 2015 (Shruti Panchami In 2015)
श्रुति पंचमी 2015 (Shruti Panchami In 2015)
वर्ष 2015 में श्रुति पंचमी का पर्व मई माह की 23 तारीख को मनाया जाएगा।
श्रुति पंचमी क्यों मनाये हैं ? (Story of Shruti Panchami In Hindi)
एक कथा के अनुसार दो हजार वर्ष पहले जैन धर्म के एक संत धरसेनाचार्य को अचानक यह अनुभव हुआ की उनके द्वारा अर्जित जैन धर्म का ज्ञान केवल उनकी वाणी तक सीमित है। उन्होंने सोचा की शिष्यों की स्मरण शक्ति कम होने पर ज्ञान वाणी नहीं बचेगी। ऐसे में मेरे समाधि लेने से जैन धर्म का संपूर्ण ज्ञान खत्म हो जाएगा। तब धरसेनाचार्य ने पुष्पदंत एवं भूतबलि की सहायता से "षटखण्डागम" की रचना की और उसे ज्येष्ठ शुक्ल की पंचमी को प्रस्तुत किया।
इस शास्त्र में जैन धर्म से जुड़ी कई अहम जानकारियां हैं। इस ग्रंथ में जैन साहित्य, इतिहास, नियम आदि का वर्णन है जो किसी भी धर्म के लिए बेहद आवश्यक होते हैं।
क्या किया जाता है श्रुति पंचमी के दिन (Shruti Panchami Puja Vidhi in Hindi)
इस पावन दिवस पर श्रद्धालुओं को श्री धवल, महाधवलादि ग्रंथों को विराजमान कर श्रद्धाभक्ति से महोत्सव के साथ उनकी पूजा-अर्चना करनी चाहिए और सिद्धभक्ति का पाठ करना चाहिए। श्रुति पंचमी के पावन पर्व के दिन जैन धर्म के लोग पूरे श्रद्धाभाव से ग्रंथों की पूजा करते हैं। इस दिन जैन धर्म के लोग पीला वस्त्र धारण करके जीनवाणी की शोभा यात्रा निकालते हैं।
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